Monday, August 29, 2011

मै चाहू जो भी करूं मेरी मर्ज़ी


अगर हमारे देश की जनता संसद में बैठे कुछ माननीयों को उनकी असलियत से वाकिफ कराये,
तो वो संसद का मान हनन हो जाता है और अगर वो संसद में चाहे जो करे वो उनकी मर्जी है,

नेता जी उवाच :
मै चाहू जो भी करूं मेरी मर्ज़ी
मै संसद में नोट उछालूँ मेरी मर्जी
मै संसद में माइक तोडूं मेरी मर्जी
मै संसद में चप्पल फेकूं मेरी मर्जी
मै संसद में जूता फेकूं मेरी मर्जी
मै संसद में खूब गरियाऊँ मेरी मर्जी
मै संसद में खूब चिल्लाऊं मेरी मर्जी
मै संसद में कुछ भी करू मेरी मर्जी
मै संसद को हाट बनाऊं मेरी मर्जी


....आशीष शुक्ल

No comments:

Post a Comment