Thursday, November 19, 2009

बढ़ाते रहो दुनियाँ में अत्याचार और पाप



बढ़ाते रहो दुनियाँ में अत्याचार और पाप
जब तक है दम, तब तक सहेंगे हम और आप
अब वक्त है अत्याचार और आताताइयों के बीच रहने का
कुंठित और दबकर समाज में जीने का
इस समाज के बनते नए अपराधी है हम
साथ देते है उन्ही का जो करते नीच कर्म
दाऊद इब्राहिम का महान भारत देश
जिसमें चला हत्या और लूट का चलन
हम भी करते हैं इन्ही को शत्-शत् नमन।

3 comments:

  1. आशीष जी खूब लिखा है....
    देश को डुबाने वालों के मुँह पर एक करारा तमाचा....

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  2. करारी बात।
    लिखते रहो लखेरे।
    वर्ड वेरिफिकेशन हटा सकें तो बेहतर हो।

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  3. बहुत खूब आशीष भाई।

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